नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को अल्पसंख्यकों के लिए साढ़े चार फीसदी देने का रास्ता साफ कर दिया । केंद्रीय कैबिनेट ने पिछड़े वर्गों के लिए तय 27 फीसदी आरक्षण में से अल्पसंख्यकों के लिए साढ़े चार फीसदी हिस्सा अल्पसंख्यकों का होगा। उधर, विरोधियो ने इस फेसले की कड़ी आलोचना है | बीजेपी ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है तो बीएसपी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। उसका आरोप है कि यूपी चुनाव को देखते हुए ये फैसला किया गया है।
दरअसल भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से घिरी सरकार ने अपने जनाधार को बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। गुरुवार को दिन में भोजन का अधिकार देने वाले बिल को संसद में पेश करने वाली सरकार ने शाम को शिक्षा संस्थानों और नौकरी में अल्पसंख्यकों के आरक्षण का रास्ता साफ कर दिया। शाम को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया कि अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
कुछ साल पहले रंगनाथ मिश्र आयोग ने मुसलमानों की हालत को बेहतर करने के लिए आरक्षण की सिफारिश की थी। लेकिन संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण देने की इजाजत नहीं देता। इसलिए पिछड़े वर्ग की सूची में अल्पसंख्यकों को आरक्षण देकर मुसलमानों को लाभ देने की कोशिश की गई है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जल्दी ही होने हैं। इनमें यूपी का चुनाव, कांग्रेस के भविष्य के लिए काफी अहम माना है।माना जा रहा है की इस आरक्षण से मुसलमानों की हालत बेहतर होगे और पार्टी को उम्मीद है कि इस फैसले के बाद मुसलमानों का समर्थन पार्टी को मिलेगा |और पार्टी मुसलमानों के बीच सिर उठाकर समर्थन मांगने जा सकती है।
