Thursday, 22 December 2011

नौकरी में अल्पसंख्यकों को मिला साढ़े चार फीसदी आरक्षण

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को अल्पसंख्यकों के लिए साढ़े चार फीसदी देने का रास्ता साफ कर दिया । केंद्रीय कैबिनेट ने पिछड़े वर्गों के लिए तय 27 फीसदी आरक्षण में से  अल्पसंख्यकों के लिए साढ़े चार फीसदी  हिस्सा अल्पसंख्यकों का होगा। उधर, विरोधियो  ने इस  फेसले की कड़ी आलोचना है | बीजेपी ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है तो बीएसपी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। उसका आरोप है कि यूपी चुनाव को देखते हुए ये फैसला किया गया है।
                                                                                                     दरअसल भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से घिरी सरकार ने अपने जनाधार को बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। गुरुवार को दिन में भोजन का अधिकार देने वाले बिल को संसद में पेश करने वाली सरकार ने शाम को शिक्षा संस्थानों और नौकरी में अल्पसंख्यकों के आरक्षण का रास्ता साफ कर दिया। शाम को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया कि अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।

कुछ साल पहले रंगनाथ मिश्र आयोग ने मुसलमानों की हालत को बेहतर करने के लिए आरक्षण की सिफारिश की थी। लेकिन संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण देने की इजाजत नहीं देता। इसलिए पिछड़े वर्ग की सूची में अल्पसंख्यकों को आरक्षण देकर मुसलमानों को लाभ देने की कोशिश की गई है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जल्दी ही होने हैं। इनमें यूपी का चुनाव, कांग्रेस के भविष्य के लिए काफी अहम माना है।माना जा रहा है की इस आरक्षण से मुसलमानों की हालत बेहतर होगे  और पार्टी को उम्मीद है कि इस फैसले के बाद  मुसलमानों का समर्थन  पार्टी  को मिलेगा |और पार्टी मुसलमानों के बीच सिर उठाकर समर्थन मांगने जा सकती है।

Thursday, 15 December 2011

राहुल, के घर पर होगा अन्ना का अगला अनशन ;अन्ना


नई  दिल्ली ;२७ तारीख को होने बाले अनसन लेकर समाज सेवी अन्ना हजारे ने फिर हुंकार भरी है।अन्ना ने कहा कि कोई  मंत्री  देश  के बारे में नहीं सोचता ;अन्ना ने गुरुवार को अपनी टीम की दो दिनों तक चली कोर कमिटी की बैठक खत्म होने पर ऐलान किया कि संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने तक अगर लोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो 27 दिसंबर से अनशन होगा। अनशन के साथ-साथ एक जनवरी से पूरे देश में जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। शीतकालीन सत्र का तय समय कम पड़ता है तो सत्र की अवधि बढ़ाना चाहिए।    नहीं तो राहुल  के घर होगा हमारा अनसन / और कहा कि यह ३५ सालो की तपस्या  का फल है कि आप लोगो का विशबास  अन्ना पर है और वादा करता हु कि लोक पल बिलं लाकर ही दम लुगा  राहुल  और मन मोहन को हमारा अधिकार  देना  ही होगा १