Friday, 27 January 2012

KEDAR SINGH: ऋतिक की ‘अग्निपथ’के सामने ‘बॉडीगार्ड’और ‘दबंग’फ़ैल

KEDAR SINGH: ऋतिक की ‘अग्निपथ’के सामने ‘बॉडीगार्ड’और ‘दबंग’फ़ैल: नई दिल्ली। फिल्‍मकार करन जौहर की फिल्‍म 'अग्निपथ' गणतंत्र दिवस यानी कि 26 जनवरी को रिलीज हुई थी । ऋतिक के सामने क्या सलमान, क्या आमिर और क...

ऋतिक की ‘अग्निपथ’के सामने ‘बॉडीगार्ड’और ‘दबंग’फ़ैल

नई दिल्ली। फिल्‍मकार करन जौहर की फिल्‍म 'अग्निपथ' गणतंत्र दिवस यानी कि 26 जनवरी को रिलीज हुई थी । ऋतिक के सामने क्या सलमान, क्या आमिर और क्या शाहरुख सभी  फैल हो गये ।  हर कोई पड़ गया विजय दीनानाथ चौहान के आगे फीका। पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया ऋतिक की अग्निपथ ने । पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर ऋतिक की अग्निपथ ने तोड़ दिए बॉलीवुड के सारे रिकॉर्ड। अग्निपथ ने सलमान की बॉडीगार्ड का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। बॉडीगार्ड ने पहले दिन ही कमाई की थी तकरीबन 22 करोड़ की लेकिन अग्निपथ ने की 25 करोड़ की कमाई।ऋतिक  का मुकाबला पर्दे पर कांचा चीना बने संजय दत्त से तो है ही।

1990 में रिलीज हुई फिल्म ‘अग्निपथ’ से लेकर 2012 में आई ‘अग्निपथ’ के बीच में यूं तो फासला 22 साल का है, लेकिन दोनों में कई समानताएं भी हैं, जैसे विजय दीनानाथ चौहान और कांचा चीना का चरित्र! 1990 की फिल्म में विजय का किरदार सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने निभाया था, जबकि 2012 में यह भूमिका ऋतिक  ने निभाई है। लेकिन दोनों का मकसद एक है, ताकतवर और जालिम कांचा चीना से बदला लेना।

।वैसे ये सफलता सिर्फ रितिक यानी विजय दीनानाथ चौहान की नहीं। अग्निपथ की सफलता में इसके मुख्य विलेन संजय दत्त यानी कांचा चीना, काली यानी प्रियंका चोपड़ा और चिकनी चमेली यानी कटरीना कैफ का भी अहम रोल रहा है। पहले दिन के कलेक्शन ने ही साफ कर दिया है कि पिक्चर सुपरहिट है।फिल्म समीक्षकों की मानें तो इस हफ्ते के खत्म होते-होते अग्निपथ की कमाई होगी तकरीबन 75 करोड़।

चिकनी चमेली' आइटम नंबर में कैटरीना कैफ की फुर्ती बिजली-सी है, और 'शीला की जवानी' को हजारों मील पीछे छोड़ गई है, लेकिन ऋतिक रोशन-प्रियंका चोपड़ा की लव स्टोरी में कोई दम नहीं है। नई 'अग्निपथ' में कई सीन्स रिएलिस्टिक नहीं हैं, जैसे मांडवा में घनघोर बारिश के बीच भी गांववालों की मशालें नहीं बुझतीं। चाकू खाने के बाद भी हीरो के शरीर से निशान गायब हैं। इस तरह के अनरिएलिस्टिक सीन्स तो ओरिजनल में नहीं थे, जबकि अमिताभ भी गोलियों की बौछार खाने के ज़िन्दा रहे थे।
अंत में ऋतिक  का मुकाबला पर्दे पर कांचा चीना बने संजय दत्त से तो है ही।


तीन साल के बच्चों का एडमिशन जारी रहेगा: उच्च न्यायालय

  दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बच्चो के माता -पिता को ख़ुशी दी है।


कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए के सीकरी एवं न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने 71 पन्नों के आदेश में कहा कि जिन स्कूलों में नर्सरी शिक्षा दी जाती है, उसे प्रवेश स्तर के रूप में माना जाएगा। ऐसे स्कूलों में केजी को प्रवेश स्तर के रूप में नहीं माना जायेगा।


पीठ ने कहा कि तीन वर्ष पूरे कर चुके नर्सरी में दाखिल बच्चों को अगले वर्ष केजी में प्रोन्नत किया जायेगा। हालांकि जिन स्कूलों में नर्सरी स्तर की शिक्षा नहीं है, वहां केजी को प्रवेश स्तर माना जायेगा और इसमें चार वर्ष पूरा कर चुके बच्चों को दाखिला मिलेगा।
उच्च न्यायालय ने कहा कि तीन साल की आयु पूरी कर चुके बच्चों को औपचारिक शिक्षा से वंचित करना भेदभावपूर्ण और नुकसानदेह होगा। एनजीओ सोशल जूरिस्ट ने अपनी याचिका में कहा था कि चार साल या इससे अधिक उम्र के बच्चों का ही स्कूलों में दाखिला किया जाए। एनजीओ ने दिल्ली के निजी एवं गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में प्री स्कूल कक्षाओं में तीन साल की आयु पूरी कर चुके बच्चों के दाखिले पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी

Tuesday, 24 January 2012

भारत में नारी का बदलता रूप

भारत को महान परम्पराओं के लिए विश्व में  जाना जाता है ।विदेश के लोग भारत की परम्पराओं को देखने आते है ।लकिन आज भारत की कुछ परम्पराए जो और देशो की होड़ में बदलने की कोशिश कर रही है ।जैसे भारतीय नारी का बदलता रूप ।आदि कल में मानव नग्न आब्स्था में फिरता था  ।तब भगवान ने मानव को शारीर ढकने की  बुद्धि दी थी ।तब मानव के पास कपडे नही थे फिर भी मानव पेडो  के पत्तो से अपना शरीर को ढककर अपनी लाज लज्जा को बरकरार रखाता  था ।लेकिन आज की नारी अपने आस्तिव कोई ही भूल गई है ।बह फैसन के इस दोर में अपनी भारतीय परम्पराओं और अपने सम्मान की भेट स्वयं ही चढ़ा रही है ।क्योकि आज  नारी अंग दिखावे  के लिए आधिक से अधिक बदलने की कोशिश कर रही है बह अपनी मान मर्यादा तक को भूल गई और अंगो का ऐसा दिखावा कर रहगी है जैसे कोई सब्जी की दुकान हो ।

नारी के कपड़े दिन वा दिन छोटे होते जा  रहे है ।जिससे उसको समाज की बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।लेकिन नारी अपने इन कपड़ो के कारण सम्मान को  प्राप्त नहीं कर पा रही है ।बही अगर फैसन से ही समाज में अपना सम्मान बनता  तो क्यों आज का आदमी फैसन  को क्यों नही अपनाता  क्यों नही छोटे छोटे कपड़े पहनता क्योकि बह जानता ही कि समाज में छोटे छोटे कपड़े पहने से सम्मान नहीं मिलता बल्कि सादगी और कार्यो से मिलता है ।मै जानना चाहता हू कि  आज की नारी से जो अपने इन छोटे छोटे कपड़ो के साथ खुश है ।क्या इन कपड़ो से  उसको समाज में  सही सम्मान  मिलता है? क्या कपडा अंगो को दिखाने के लिए पहना जाता है ?
नारी क्यों भूल जाती है कि कपडा  सिर्फ तन ढ़कने के लिए बनता है न कि अंग दिखने के लिए।

क्योकि नारी के पास तो लज्जा का गहना है। नारी लज्जा से ही सुंदर लगती है ।  

पुरुष से ऊंचा स्‍थान है नारी का हिंदू परंपरा में क्योकि नारी ने कभी माँ ,बहन तो कभी पत्नी के रूप में  पुरुष का  साथ जिन्दगी के हर मोड़ पर दिया है ।


नारी की सुन्दरता तो उसके पहनावे से दिखती है न कि उसके अंगो से ।    

Sunday, 22 January 2012

सलमान रुश्दी के आरोपों पर भड़के राजस्थान के मुख्यमंत्री

जयपुर ।। राजस्थान के मुख्यमंत्री रविवार को अशोक गहलोत ने चर्चित लेखक सलमान रुश्दी के उस आरोप को खारिज कर दिया है और कहा कि उनकी जान को खतरे के बारे में जो जानकारी प्रशासन को मिली उसी के मुताबिक काम किया गया ।विवादास्पद साहित्यकार सलमान रुश्दी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनसे  किसी ने झूठ नहीं बोला है।। इससे पहले रुश्दी ने ट्वीट किया था कि जान के खतरे के बारे में उन्हें गुमराह किया गया  था।

अशोक गहलोत ने सरकार और प्रशासन का पक्ष साफ करते हुए कहा कि रुश्दी भारतीय मूल के लेखक हैं और इसलिए भारत आने के लिए उन्हें वीजा की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर कुछ संगठन किसी वजह से उनके आने का विरोध कर रहे हैं और इससे कानून और व्यवस्था को किसी तरह का खतरा पैदा होता है तो जरूरी कदम उठाकर कर शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी बनती है। ने कहा कि उनकी जान को खतरे के बारे में जो जानकारी प्रशासन को मिली उसी के मुताबिक काम किया गया ।विवादास्पद साहित्यकार सलमान रुश्दी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनसे  किसी ने झूठ नहीं बोला है।। इससे पहले रुश्दी ने ट्वीट किया था कि जान के खतरे के बारे में उन्हें गुमराह किया गया  था।


रविवार को गहलोत ने सरकार और प्रशासन का पक्ष साफ करते हुए कहा कि रुश्दी भारतीय मूल के लेखक हैं और इसलिए भारत आने के लिए उन्हें वीजा की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर कुछ संगठन किसी वजह से उनके आने का विरोध कर रहे हैं और इससे कानून और व्यवस्था को किसी तरह का खतरा पैदा होता है तो जरूरी कदम उठाकर कर शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी बनती है।                                      
  गौरतलब है कि जयपुर में चल रहे साहित्य महोत्सव में सलमान रुश्दी की मौजूदगी को लेकर विवाद चल रहा है। मुस्लिम संगठनों ने महोत्सव में उन्हें बुलाए जाने का विरोध किया था। इसके बाद जयपुर पुलिस ने इंटेलिजेंस रिपोर्टों के हवाले से कहा था कि उनकी जान को खतरा है। इन्हीं खतरों की वजह से रुश्दी ने जयपुर साहित्य महोत्सव में आने का इरादा बदल दिया। बाद में रुश्दी ने ट्वीट कर जयपुर पुलिस पर गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ' मैंने पता करवाया है। मुझसे झूठ बोला गया। मैं बहुत गुस्से में हूं। '



उन्होंने कहा कि यह बात सरासर गलत है कि उनसे झूठ कहा गया।इन सूत्रों के मुताबिक जयपुर पुलिस को केंद्र से खुफिया सूचना भेजी गई थी। अब वह खुफिया रिपोर्ट कितनी सही या गलत थी, यह देखना केंद्र का काम है।

Friday, 20 January 2012

भारत मे मेरी जान को खतरा:: सलमान रूश्दी

जयपुर : जयपुर साहित्य महोत्सव मे  लेखक सलमान रूश्दी शामिल नहीं हो सके।अपनी जान को खतरा बता कर भारत दौरा रद्द करने वाले लेखक सलमान रूश्दी ने आज ट्विटर पर लिखा कि वह साहित्य महोत्सव के लिए जयपुर में नहीं होने से ‘‘बहुत दुखी’’ हैं
 जयपुर साहित्य महोत्सव मे आयोजकों ने बुकर पुरस्कार विजेता लेखक का बयान पढ कर बताया, जिसके अनुसार वह जयपुर नहीं आ रहे हैं. रूश्दी ने लिखा, ‘‘जयपुर में नहीं होने से बहुत दुखी हूं. मुझे जानकारी मिली है कि मुंबई अंडरवल्र्ड डॉन ने दो गुर्गे को मुझे मारने के लिए हथियार दिए हैं. मैं अब वीडियो के जरिए जुडा रहुंगा.’  रूश्दी ने लेखक हरी कुंजरु और अमिताभ कुमार की ओर से ट्विटर पर की गई प्रतिक्रिया का भी जवाब दिया. रूश्दी ने इन दोनों लेखकों का आभार भी प्रकट किया. पत्रकार विकास बजाज ने भी इस पर अपनी टिप्पणी दी’
उनके बयान के कुछ मिनट के अंदर ही ट्विटर पर उनके इस फ़ैसले का विरोध जताने वाली प्रतिक्रियाओं की झडी लग गई. इसके बाद रूश्दी ने फ़िर लिखा, ‘‘इतने बडे समर्थन और सहानुभूति के लिए सभी लोगों को धन्यवाद. कुछ लोगों का कहना है कि मैंने लोगों को निराश किया. इसके लिए माफ़ करें. मुस्लिमों की कुछ घृणा संबंधी ट्विट निराशाजनक है.’
रूश्दी ने एक असम्मानजनक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, ‘‘समीरूमीइजअमीर कभी भी भारत की यात्रा करने पर भी विचार करुंगा, जहां कई निष्ठावान मुसलमान रहते हैं. यह आपके खाली दिमाग को दर्शाता है. इस्राइल जाकर अपने धर्म उपदेश दें.’’
 एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह सही है कि रुश्दी नहीं आ रहे हैं लेकिन सुरक्षा को लेकर किसी तरह की ढील नहीं दी जा सकती है। इसकी वजह यह है कि वहां पर कई अन्य लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार आ रहे हैं। कुछ कट्टरपंथी संगठनों के रुश्दी की यात्रा का विरोध करने के बाद सरकार के लिए भी यह संकट का कारण बन गया ।

न्यूनतम तापमान से रहेगी ठिठुरन!

नई दिल्ली। विशेषज्ञों की मानें तो मौसम बदलने का इंतजार कर रहे लोगों को इसके लिए होली तक इंतजार करना पड़ सकता है तथा पूरे मार्च सर्दी से राहत मिलना मुश्किल ही है। आम तौर पर माना जाता है कि मकर संक्रांति के बाद ठंड का असर कम होने लगता है, लेकिन इस वर्ष ठंड का कहर उसके बाद भी न सिर्फ जारी है बल्कि रोज तापमान में लगातार गिरावट आ रही है।
                                                                              मौसम विज्ञानी कड़ाके की ठंड के लिए ला-नीना जिम्मेदार बता रहे हैं। स्पेनिश भाषा में ला-नीना का अर्थ होता है लड़की। लेकिन मौसम विज्ञान के परिपेक्ष्य में जब दक्षिण प्रशांत महासागर में समुद्र का तापमान तीन से पांच डिग्री तक घट जाता है तो इसे ला-नीना इफेक्ट कहते हैं। और ला-नीना का ही कमाल है कि इस वर्ष जनवरी के तीसरे हफ्ते में भी पूरा उत्तार भारत कड़ाके की ठंड से कांप रहा है। कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी हो रही है, जिसमें निकट भविष्य में कमी आने के आसार नहीं हैं।
                                                        दक्षिण भारत में भी ठंड ने 120 वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया है। महाबलेश्वर की झील जम गई है तथा आंध्र प्रदेश में ठंड से कुछ लोगों के मरने की भी सूचना है।कड़ाके की सर्दी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों को भीषण कोहरे का सामना करना पड़ सकता है ।

न्यूनतम तापमान से रहेगी ठिठुरन!

नई दिल्ली। विशेषज्ञों की मानें तो मौसम बदलने का इंतजार कर रहे लोगों को इसके लिए होली तक इंतजार करना पड़ सकता है तथा पूरे मार्च सर्दी से राहत मिलना मुश्किल ही है। आम तौर पर माना जाता है कि मकर संक्रांति के बाद ठंड का असर कम होने लगता है, लेकिन इस वर्ष ठंड का कहर उसके बाद भी न सिर्फ जारी है बल्कि रोज तापमान में लगातार गिरावट आ रही है।
                                                                              मौसम विज्ञानी कड़ाके की ठंड के लिए ला-नीना जिम्मेदार बता रहे हैं। स्पेनिश भाषा में ला-नीना का अर्थ होता है लड़की। लेकिन मौसम विज्ञान के परिपेक्ष्य में जब दक्षिण प्रशांत महासागर में समुद्र का तापमान तीन से पांच डिग्री तक घट जाता है तो इसे ला-नीना इफेक्ट कहते हैं। और ला-नीना का ही कमाल है कि इस वर्ष जनवरी के तीसरे हफ्ते में भी पूरा उत्तार भारत कड़ाके की ठंड से कांप रहा है। कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी हो रही है, जिसमें निकट भविष्य में कमी आने के आसार नहीं हैं।
                                                        दक्षिण भारत में भी ठंड ने 120 वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया है। महाबलेश्वर की झील जम गई है तथा आंध्र प्रदेश में ठंड से कुछ लोगों के मरने की भी सूचना है।कड़ाके की सर्दी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों को भीषण कोहरे का सामना करना पड़ सकता है ।

Thursday, 19 January 2012

सानिया मिर्जा और एलेना ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में पहुची


मेलबर्न। भारत की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का   इस आयोजन में उनका अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन है सानिया और रूस की एलेना वेस्नीना की जोड़ी वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन के युगल स्पर्धा के दूसरे दौर में पहुच  गई है। सानिया और वेस्नीना ने गुरुवार को खेले गए पहले दौर के मुकाबले में ग्रीस की एलेनी डानीलिडोउ और रूस की एलेक्जेंड्रा पानोवा की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-0, 6-2 से पराजित किया \ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले दिन सानिया को बुल्गारिया की स्वेताना पिरोनकोवा ने सीधे सेटों में 6-4, 6-2 से हराया था
अगले दौर में सानिया और वेस्नीना का सामना चेक गणराज्य की इवा बिर्नेरोवा और इटली की अल्बर्टा ब्रियांती की जोड़ी से होगी। इस जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया की स्टेफानी बेंगसन और टायरा  काल्डरवुड को 6-4, 6-4 से हराया। सानिया एकल मुकाबलों में पहले ही हार चुकी हैं। 
इन दोनों ने 2010 में यहां खिताब जीता था। बुधवार को भारत को पुरुष युगल मुकाबलों में जीत मिली थी। भूपति और रोहन बोपन्ना तथा एक अन्य भारतीय दिग्गज लिएंडर पेस और राडेक स्टेपानेक की जोड़ी पहले दौर का मुकाबला जीतने में सफल रही थी सानिया वर्ष 2008 में तीसरे दौर तक पहुंची थीं, जो इस आयोजन में उनका अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन है। सानिया मिश्रित युगल वर्ग में भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं, जहां उनके जोड़ीदार दिग्गज महेश भूपति हैं।