जयपुर : जयपुर साहित्य महोत्सव मे लेखक सलमान रूश्दी शामिल नहीं हो सके।अपनी जान को खतरा बता कर भारत दौरा रद्द करने वाले लेखक सलमान रूश्दी ने आज ट्विटर पर लिखा कि वह साहित्य महोत्सव के लिए जयपुर में नहीं होने से ‘‘बहुत दुखी’’ हैं
जयपुर साहित्य महोत्सव मे आयोजकों ने बुकर पुरस्कार विजेता लेखक का बयान पढ कर बताया, जिसके अनुसार वह जयपुर नहीं आ रहे हैं. रूश्दी ने लिखा, ‘‘जयपुर में नहीं होने से बहुत दुखी हूं. मुझे जानकारी मिली है कि मुंबई अंडरवल्र्ड डॉन ने दो गुर्गे को मुझे मारने के लिए हथियार दिए हैं. मैं अब वीडियो के जरिए जुडा रहुंगा.’ रूश्दी ने लेखक हरी कुंजरु और अमिताभ कुमार की ओर से ट्विटर पर की गई प्रतिक्रिया का भी जवाब दिया. रूश्दी ने इन दोनों लेखकों का आभार भी प्रकट किया. पत्रकार विकास बजाज ने भी इस पर अपनी टिप्पणी दी’
उनके बयान के कुछ मिनट के अंदर ही ट्विटर पर उनके इस फ़ैसले का विरोध जताने वाली प्रतिक्रियाओं की झडी लग गई. इसके बाद रूश्दी ने फ़िर लिखा, ‘‘इतने बडे समर्थन और सहानुभूति के लिए सभी लोगों को धन्यवाद. कुछ लोगों का कहना है कि मैंने लोगों को निराश किया. इसके लिए माफ़ करें. मुस्लिमों की कुछ घृणा संबंधी ट्विट निराशाजनक है.’
रूश्दी ने एक असम्मानजनक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, ‘‘समीरूमीइजअमीर कभी भी भारत की यात्रा करने पर भी विचार करुंगा, जहां कई निष्ठावान मुसलमान रहते हैं. यह आपके खाली दिमाग को दर्शाता है. इस्राइल जाकर अपने धर्म उपदेश दें.’’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह सही है कि रुश्दी नहीं आ रहे हैं लेकिन सुरक्षा को लेकर किसी तरह की ढील नहीं दी जा सकती है। इसकी वजह यह है कि वहां पर कई अन्य लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार आ रहे हैं। कुछ कट्टरपंथी संगठनों के रुश्दी की यात्रा का विरोध करने के बाद सरकार के लिए भी यह संकट का कारण बन गया ।
जयपुर साहित्य महोत्सव मे आयोजकों ने बुकर पुरस्कार विजेता लेखक का बयान पढ कर बताया, जिसके अनुसार वह जयपुर नहीं आ रहे हैं. रूश्दी ने लिखा, ‘‘जयपुर में नहीं होने से बहुत दुखी हूं. मुझे जानकारी मिली है कि मुंबई अंडरवल्र्ड डॉन ने दो गुर्गे को मुझे मारने के लिए हथियार दिए हैं. मैं अब वीडियो के जरिए जुडा रहुंगा.’ रूश्दी ने लेखक हरी कुंजरु और अमिताभ कुमार की ओर से ट्विटर पर की गई प्रतिक्रिया का भी जवाब दिया. रूश्दी ने इन दोनों लेखकों का आभार भी प्रकट किया. पत्रकार विकास बजाज ने भी इस पर अपनी टिप्पणी दी’उनके बयान के कुछ मिनट के अंदर ही ट्विटर पर उनके इस फ़ैसले का विरोध जताने वाली प्रतिक्रियाओं की झडी लग गई. इसके बाद रूश्दी ने फ़िर लिखा, ‘‘इतने बडे समर्थन और सहानुभूति के लिए सभी लोगों को धन्यवाद. कुछ लोगों का कहना है कि मैंने लोगों को निराश किया. इसके लिए माफ़ करें. मुस्लिमों की कुछ घृणा संबंधी ट्विट निराशाजनक है.’
रूश्दी ने एक असम्मानजनक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, ‘‘समीरूमीइजअमीर कभी भी भारत की यात्रा करने पर भी विचार करुंगा, जहां कई निष्ठावान मुसलमान रहते हैं. यह आपके खाली दिमाग को दर्शाता है. इस्राइल जाकर अपने धर्म उपदेश दें.’’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह सही है कि रुश्दी नहीं आ रहे हैं लेकिन सुरक्षा को लेकर किसी तरह की ढील नहीं दी जा सकती है। इसकी वजह यह है कि वहां पर कई अन्य लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार आ रहे हैं। कुछ कट्टरपंथी संगठनों के रुश्दी की यात्रा का विरोध करने के बाद सरकार के लिए भी यह संकट का कारण बन गया ।
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