प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने रविवार को आरोप लगाया कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने यह कहकर देश को गुमराह किया कि उन्हें अपनी सफाई देने का मौका नहीं दिया गया। माधवन नायर एंट्रिक्स-देवास सौदे में गड़बड़ी के लिए दोषी ठहराए गए । एंट्रिक्स-देवास करार में गड़बड़ी के लिए समिति ने माधवन नायर सहित वरिष्ठ वैज्ञानिकों ए भास्करनारायण, केआर श्रीधरमूर्ति और केएन शंकर को दोषी पाया और इनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
नायर के अनुसार उन्हें एंट्रिक्स देवास सौदे की जांच करने वाली उच्च स्तरीय समिति के सामने अपनी बात कहने का मौका नहीं मिला। नारायणसामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, समिति की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि माधवन नायर को निजी तौर पर सुना गया था।
इस मामले में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन किया गया था। नायर ने यह कह कर देश को गुमराह किया कि उन्हें अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया गया।इसरो के चार वैज्ञानिकों को दोषी ठहराए जाने के मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 'चुप्पी' पर भाजपा ने सवाल खड़ा किया है।और भाजपा ने प्रधानमंत्री को इस पूरे प्रकरण पर अपना रुख स्पष्ट करना मांग की है।
No comments:
Post a Comment